[जानिए नियम] पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा? लोन का भुगतान न करने पर नहीं हो परेशान जान ले आरबीआई के नियम

बहुत सारे लोग आपात परिस्थिति में पर्सनल लोन लेते है लेकिन फिर इस ऋण को चुकाने में असमर्थ होते है। ऐसे में ऋण लेने वाले ग्राहक को यह डर रहता है कि उसको कहीं जेल की हवा न खानी पड़ जाए।

अगर आप भी यह जानना चाहते है कि पर्सनल लोन लेने के बाद अगर उसे नहीं चुकाते है तो ऋण देने वाली संस्थान आपके साथ क्या कानूनी कार्रवाई कर सकती है तो इस आर्टिकल में आपका स्वागत है।

आज इस आर्टिकल के द्वारा आप को “Personal loan na chukane par kya hoga”(पर्सनल लोन ना चुकाने पर क्या होगा) इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। लोग अपनी जरूरत के समय तो पर्सनल लोन ले लेते हैं। लेकिन उसके जब भुगतान की बारी आती है तो सभी को परेशानी आती है।

इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं है कि पर्सनल लोन का कोई समय पर भुगतान नहीं किया जाए तो उनको किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें जानकारियों के बारे में हम आपको इस पोस्ट के द्वारा बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं…

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पर्सनल लोन क्या है (What is Personal Loan in Hindi)

सबसे पहले आपको यह बता देना चाहते हैं कि आखिर पर्सनल लोन क्या है? पर्सनल लोन वह होता है जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी निजी जरूरत के लिए बैंक के द्वारा यह किसी भी निजी संस्थान के द्वारा पैसा उधार लेता है उसको पर्सनल लोन कहा जाता है। पर्सनल लोन दो प्रकार का होता है। पहला सिक्योर पर्सनल लोन दूसरा अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन

1. सिक्योर पर्सनल लोन (secured personal loan)

सिक्योर पर्सनल लोन वह होता है जिसमें पर्सनल लोन लेने के लिए कोई भी अपने कीमती वस्तु को बैंक के पास में गिरवी रखना पड़ता है। उसको सिक्योर पर्सनल लोन कहा जाता है इसमें ब्याज की दर कम लगाई जाती है। क्योंकि यह सिक्योर लोन है इसके अलावा इसमें सिबिल स्कोर नहीं देखा जाता है।

2. अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन (unsecured personal loan)

अन सिक्योर पर्सनल लोन वह होता है जिसके अंदर आपकी फाइनेंशियल एबिलिटी के आधार पर, आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर, पर्सनल लोन मिलता है।

यहां बैंक के द्वारा कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट की जांच की जाती है
उनमें से जैसे आप की सैलरी कितनी है, आपके ऊपर कोई और लोन तो नहीं है। आपका इनकम सर्टिफिकेट, सिविल स्कोर, बैंक स्टेटमेंट इन के आधार पर पर्सनल लोन मिल जाता है।

अगर सरल और आसान शब्दों में कहे तो बैंक के पास में बिना कुछ कीमती वस्तु गिरवी रखने पर जो लोन मिलता है उसको ही अनसिक्योर कहा जाता है।

इस लोन में बैंक को बहुत ज्यादा रिस्क होता है। इसके अलावा बैंक अनसिक्योर्ड लोन में रेट ऑफ इंटरेस्ट भी ज्यादा लेता है।

सिक्योर लोन रिस्क नहीं होता है क्योंकि अगर आवेदक के द्वारा लोन नहीं चुकाया गया तो बैंक के पास में गिरवी रखी हुई प्रॉपर्टी या जो भी कीमती वस्तु है उसको बेचकर लोन की रकम वसूली जाती है।

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सिक्योर पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होता है

जब पर्सनल लोन किसी भी बैंक से लेते हैं तो आपके और बैंक के बीच में एक कांटेक्ट भारतीय अनुबंध अधिनियम अट्ठारह सौ बहत्तर के अंतर्गत तैयार होता है।

उसमें बताया जाता है कि लोन की राशि का भुगतान समय पर कर दोगे अगर नहीं किया तो आपका लोन अनियमित ( irregular) माना जाएगा।

इस कंडीशन में बैंक के पास भी यह अधिकार होता है कि वह अपने पैसे की वसूली के लिए कानून की मदद ले सकता है अब यहां सवाल आता है कि लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है

तो सबसे पहले बैंक लोन के भुगतान के लिए पर्सनल कांटेक्ट जो लोन लेते समय दिए थे उनको करेगा और उनसे भुगतान के लिए बात करेगा या फिर जर्नल नोटिस के द्वारा लोन अमाउंट की कार्रवाई के लिए आपको कह सकता है

इन सबके बाद में यदि लोन डिफाल्टर की तरफ से रिस्पांस नहीं आता है तो बैंक वसूली के लिए अदालत में भी केस कर सकता है। जिसका खर्चा डिफाल्टर को ही वहन करना पड़ता है। आपने लोन का कांटेक्ट तोड़ा है इसीलिए आपके खिलाफ ही फैसला मिलेगा।

लोन को लेते समय आपने बैंक में चेक दिया है तो बैंक को उसको सबूत के तौर पर अदालत में पेश करेगा चेक बिना भुगतान वापस आ जाता है तो विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत आपके ऊपर अलग से कार्रवाई की जाएगी। इस धारा में आप को जेल व जुर्माने की सजा भी मिल सकती है।

आपने दोनों ही तरह से पैसा बैंकों वापस नहीं दिया तो बैंक आपकी गिरवी रखी हुई चीज की नीलामी करके अपने पैसे की पूरी वसूली कर लेना।

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अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन भुगतान न करने पर क्या होगा

अब यहां बात आती है कि अन सिक्योर पर्सनल लोन का अगर भुगतान नहीं किया तो क्या होगा सबसे ज्यादा समस्या अन सिक्योर पर्सनल लोन के केस में ही देखी गई है

क्योंकि अनसिक्योर्ड लोन में बैंक के पास में कुछ भी गिरवी नहीं रखा होता है जिससे वह अपनी रकम की भरपाई कर ले ऐसे में बैंक के द्वारा पैसे लेने के लिए कई तरह के प्रयास किए जाते हैं।

अनसिक्योर्ड लोन में बैंक का नुकसान ज्यादा होता है लोन की रकम का भुगतान नहीं करने पर बैंक कार्रवाई तो करेगा लेकिन बैंड की कुछ लिमिटेशन होती है बैंक आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार काम करता है।

अगर आपने पर्सनल लोन बैंक से लिया है और आप उसको भुगतान करने में असमर्थ है तो यहां आपको ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

इसके लिए कुछ नियम आरबीआई ने निर्धारित किए हैं लेकिन उन नियम में भी एक कंडीशन लगाई गई है कि जो आप लोन न चुका पाने का रीजन दे वह रीजन एक दम सही होना चाहिए।

लोन का भुगतान न करने की स्थिति में बैंक पहले आपसे बात करेगा और लोन सेटेलमेंट की बात आपसे करने के बाद में बैंक की तरफ से एक ऑफिशल नोटिस दिया जाएगा।

बैंक के द्वारा आपसे संपर्क करने पर भी लोन का भुगतान नहीं हुआ तब बैंक लोन रिकवरी एजेंसी को लोन का अमाउंट और सेटलमेंट करने के लिए आपके पास भेजेंगे।

अब रिकवरी वाले आपसे बात करेंगे या आपके घर पर किसी कर्मचारी को भेज दिया जाएगा। अगर आप सेटलमेंट के बाद भी लोन चुकाने में असमर्थ है। तब आप के लोन के अमाउंट को बंद कर दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान आपके सिविल स्कोर पर पड़ता है।

सरल और आसान शब्दों में कहे तो अगर आप पर्सनल लोन का भुगतान नहीं करते हैं तो सीधा असर आपके सिविल इसकोर पर पड़ेगा और आप भविष्य में कभी भी किसी भी तरह का पर्सनल लोन नहीं ले पाओगे। लोन लेने के लिए सिविल स्कोर का सही होना बहुत जरूरी है। तभी लोन अप्रूवल हो पाता है।

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लोन का भुगतान न करने पर नहीं हो परेशान जान ले आरबीआई के नियम

आप सभी जानते हैं कि हमारे देश में जितने भी सरकारी और निजी बैंक है, वह सब आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार काम करते हैं।

ऐसे में बैंक आपके ऊपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बना सकता है कि आप लोन का भुगतान करें। अगर किसी कारणवश आप लोन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।

आप को बैंक से दबाव दिया जा रहा है कि आप लोगों का भुगतान करें। ऐसी स्थिति में आपको आरबीआई के नियम के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

यह जानकारी हर एक व्यक्ति को पता होनी चाहिए। आपका लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है तो बैंक को आरबीआई के नियम तथा securitisation & reconstruction of financial assets and enforcement of security इंटरेस्ट एक्ट के अंतर्गत दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार ही अपने ग्राहक से लोन रिकवरी कर सकती है।

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सिक्योर पर्सनल लोन रिकवरी के आपके अधिकार

लोन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं तो आपको आपके कानूनी अधिकारों के बारे में सही जानकारी होना चाहिए आइए जानते हैं कानूनी अधिकार की जानकारी..

  • 60 दिन पहले नोटिस देना
  • प्रॉपर्टी का सही मोल करना
  • नीलामी की राशि को वापस पाना
  • अपने मानव अधिकारों का बचाव करना
  • अपनी निजता की सुरक्षा करना
  1. 60 दिन पहले नोटिस देना ( right to adequate notice )– आपका सिक्योर पर्सनल लोन है और आप उसका भुगतान नहीं कर पा रहे हैं तो बैंक लोन की रिकवरी के लिए 60 दिन पहले आप को नोटिस देगा। अगर आप इस समय के दौरान किसी तरह का निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो बैंक आपको फिर से 30 दिन का वापस नोटिस देगा।उसके बाद आप की संपत्ति की नीलामी हो जाएगी।
  2. आपकी संपत्ति का सही मूल्य ( right fair valuation of assets ) – बैंक के द्वारा नीलामी में आपकी प्रॉपर्टी का सही मूल्य नहीं लगाया जा रहा है तो यहां आपका अधिकार है कि आप उस प्रॉपर्टी का सही मूल्य ले। आपकी प्रॉपर्टी का सही मूल्य लगाने के लिए आपको बैंक किसी तरह से मजबूर नहीं कर सकता है क्योंकि यह आपका अधिकार है।
  3. नीलामी की राशि वापस पाना ( right to balance proceeds ) – नीलामी के दौरान बैंक अपनी राशि को प्राप्त करने के बाद में बचे हुए शेष राशि आपको प्रदान करें। यह भी आपका अधिकार है। बैंक ऐसा नहीं करता है तो आप बैंक के ऊपर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
  4. मानव अधिकारों का बचाव ( right to protect human rights ) – लोन की ईएमआई का किसी भी कारण से भुगतान नहीं कर रहे हैं तो बैंक का अधिकार नहीं है कि लोन रिकवरी एजेंट के द्वारा या किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा, आपके अधिकारों का हनन करें। आपके घर पर आपको परेशान करें। आपके साथ गलत व्यवहार करें। आपके परिवार वालों को परेशान करें। इस तरह का व्यवहार अगर बैंक करता है तो मानव अधिकारों को बचाने के लिए बैंक और उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आप कर सकते है। यह आपका अधिकार है।
  5. अपनी निजता की सुरक्षा ( right to privacy) – आप लोन की ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक का यह अधिकार नहीं है कि वह आप पर किसी तरह का कोई दबाव बनाएं। अगर बैंक के द्वारा या रिकवरी एजेंट के द्वारा किसी तरह का गलत व्यवहार होता है तो आप कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। लोन की ईएमआई का भुगतान करने के लिए आप उस समय भी बैंक से मांग सकते हैं। यह आपका अधिकार है और बैंक आपको समय भी देगी।

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Conclusion – आज हमने इस आर्टिकल में आपको “Personal loan na chukane par kya hoga” (पर्सनल लोन भुगतान न करने पर क्या होगा) इसके बारे में जानकारी प्रदान की है।

इसके अलावा हमने इस लेख ने यह भी बताया है कि आरबीआई के दिशा निर्देश क्या है और आपके अधिकार रिकवरी के लिए क्या है। इन सब के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी आप सभी लिए प्रदान किए हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी इंफॉर्मेशन इस लेख के माध्यम से दिया वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी

तो इसको अधिक से अधिक अपने दोस्तों के साथ लाइक शेयर कर सकते हैं और कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके भी आप बता सकते हैं।

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